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MSSP ( Mukhyamantri School Safety Programme )

Children are one of the most affected groups in any disaster due to their inability to respond to emergencies due to various reasons. In a multi-hazard prone state such as Bihar, schools are often located in vulnerable areas and unprepared to respond to emergencies. In recent years, many schools across India have witnessed many catastrophic incidents.

Considering the importance of safety of children at school, BSDMA planned to reach each and every schools of Bihar to make it a safer place for children through the School Mock Drill Exercise. Towards this end, BSDMA initiated the Mukhyamantri School Safety Program (MSSP), which is being implemented along with Bihar Education Project Council (BEPC) and Department of Education (DoE), Govt. of Bihar. BSDMA provided the entire related technical consultancy for the execution of this program from village level to state level. The program is also being steered by the District Disaster Management Authorities (DDMAs), in each and every school located in 38 districts the state (Seventy six thousand government schools and 50 thousand private schools covering more than twenty million (2 crore) school children across the state). In accordance to the various monitoring reports received by BSDMA, the program has been a big success in identifying, strengthening and capacity building of 151,000 (One lakh fifty one thousand) Nodal Teachers cum Master Trainers in Seventy six thousand government schools and 50 thousand private schools of the 38 districts, besides capacitating 20,000,000 (2 crores/20 million) school children in the state.


MukhyaMantri School Safety Programme (MSSP), 2015 - A Report


Presentation for Trainers for School Safety Fortnight under MSSP - 2017


            i). DM Presentation - MSSP
         
            ii). MSSP Crowd Management

           iii). Earthquake TOT by SDRF

           iv). Snakebite Management by SDRF

            v). FLOOD RESCUE TECHNIQUES AND IMPROVISED FLOATING AIDS BY NDRF

           vi). MSSP

           vii). MSSP- Safe Boat Transportation

           viii). ROAD SAFETY BY NDRF
              
             ix). Climate Change PPT Hindi

                          

मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम (MSSP ), 2018

    बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा शिक्षा विभाग के सहयोग से राज्य के सभी सरकारी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2015 से प्रत्येक वर्ष जुलाई माह में विद्यालय सुरक्षा जागरूकता पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। बिहार आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोडमैप 2015-30 में वर्णित सुरक्षित शनिवार की अवधारणा को मूर्त रूप देने हेतु इस वर्ष से अब राज्य के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों, सरकार के विभिन्न विभागों, यथा समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, द्वारा संचालित विद्यालयों और सभी मदरसों, कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालयों एवं संस्कृत शिक्षा बोर्ड से संबंधित विभिन्न विद्यालयों में "मुख्य मंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम" के अंतर्गत प्रत्येक शनिवार को चेतना सत्र में आपदा प्रबंधन से संबंधित विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जायेंगी। इस कार्यक्रम का लक्ष्य है कि "घर से विद्यालय एवं विद्यालय से घर तक" विभिन्न आपदाओं का बच्चों के जीवन पर पड़ने वाले कुप्रभावों, नियमित शिक्षण में आनेवाली बाधाओं तथा इससे होने वाले नुकसानों में काफी हद तक कमी लायी जाए। "सुरक्षित शनिवार" को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से राज्य स्तर पर शिक्षा विभाग द्वारा चयनित शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चयनित मास्टर ट्रेनर्स सरकारी विद्यालयों, निजी विद्यालयों एवं मदरसों के शिक्षक होते हैं। मास्टर ट्रेनर्स का यह प्रशिक्षण जनवरी, 2018 से मार्च तक आयोजित किया गया |
    शिक्षा विभाग से अनुरोध किया गया है कि इन मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से जिला, प्रखंड एवं स्कूल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर उपरोक्त श्रेणी के प्रत्येक विद्यालय में एक-एक शिक्षक को फोकस शिक्षक के रूप में प्रशिक्षत कर "सुरक्षित शनिवार" कार्यक्रम का कार्यान्वयन प्रारंभ करें।
    प्राधिकरण ने "सुरक्षित शनिवार" एवं "मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम" के सफल संचालन हेतु सहभागी प्रक्रिया द्वारा अवधारणा पत्र एवं प्रशिक्षण हस्त पुस्तिका विकसित की है जिसे सभी मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण में दिया जाता है तथा शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रत्येक फोकस शिक्षक तक पहुँचाया जा रहा है। जिला स्तरीय प्रशिक्षण 21 मई 2018 से शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभ किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम (सुरक्षित शनिवार) के तहत् एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम


द्देश्य :- मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम (सुरक्षित शनिवार) के तहत् प्रत्येक जिलों के मास्टर प्रशिक्षकों को तैयार करने के पश्चात सभी ज़िलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (SSA), जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, डाइट के प्राचार्य, डाइट के एक व्याख्याता, संभाग समन्वयक (Media – SSA), समावेशी शिक्षा समन्वयक (SSA) तथा जिला समादेष्टा – होमगार्ड एवं अग्निशमन सेवा के पदाधिकारियों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कराया गया | साथ ही प्रत्येक जिले से एक प्रशिक्षित हुए मास्टर प्रशिक्षक को भी इस एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम के लिए बुलाया गया |
स एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम (सुरक्षित शनिवार) का जिला स्तर से विद्यालय स्तर तक कार्यक्रम के विभिन्न अवयवों के क्रियान्वयन में प्रशासनिक सहयोग प्रदान करना है |
कार्यशाला में आये जिला स्तर के सभी प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम के अवधारणा पत्र में वर्णित सभी के कार्य दायित्वों के बारे में विस्तार से बताया गया | जिला शिक्षा पदाधिकारी जो इस कार्यक्रम के जिला स्तर के नोडल पदाधिकारी थें, उन्हें और उनके जिला स्तरीय अधिकारियों जैसे जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, मीडिया समन्वयक इत्यादि को विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत उनके कार्यों को विस्तार से बताया गया एवं कैसे इसका क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण करना है इससे सम्बंधित सभी जानकारी दी गयी | माननीय सर्वोच्च न्यायलय के न्यायादेश एवं NDMA के विद्यालय सुरक्षा से सम्बंधित दिशा-निर्देश की भी जानकारी दी गयी | जिला आपदा प्रबंधन के प्रभारी पदाधिकारियों को भी इस कार्यक्रम से सम्बंधित विभिन्न दायित्वों के बारे में बताया गया | इन्हीं में से एक था जिला समन्वय समिति की मासिक बैठक के एजेंडा में विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम को शामिल कर इस कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा करना | इसी प्रकार SCERT एवं DIET की भूमिका को भी विस्तार से बताया गया | कार्यशाला में राज्य स्तर से निर्गत आदेशों – निर्देशों के बारे में बताया गया | इस कार्यशाला में सभी जिलों से एक एक राज्य स्तर पर प्रशिक्षित हुए मास्टर प्रशिक्षकों को भी बुलाया गया था ताकि प्रशिक्षकों और प्रशासनिक पदाधिकारियों के बीच बेहतर सामंजस्य बन सके |
स एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम की तिथियाँ जिलावार नीचे वर्णित है I यह एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम ए. एन. सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान, उत्तरी गाँधी मैदान, पटना में आयोजित किया गया I

 

बैच

 

दिनांक

 

उन्मुखीकरण में शामिल होने वाले जिले

शामिल होने वाले पदाधिकारियों की कुल संख्या

प्रथम बैच

14.05.2018

पटना, जहानाबाद, शेखपुरा, नवादा, नालन्दा, कैमूर एवं औरंगाबाद

42

द्वितीय बैच

15.05.2018

वैशाली, सीतामढ़ी शिवहर, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी एवं खगड़िया

47

तृतीय बैच

16.05.2018

गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण भोजपुर, बक्सर एवं रोहतास

51

चतुर्थ बैच

17.05.2018

मुंगेर, बांका, बेगुसराय जमुई, लखीसराय एवं अरवल

34

पंचम बैच

18.05.2018

सहरसा, सुपौल मधेपुरा कटिहार किशनगंज एवं अररिया

41

षष्ठी बैच

19.05.2018

गया,मुजफ्फरपुर सारण सिवान भागलपुर एवं पूर्णिया

 

37



दिनांक 14 मई, 2019 को बिहटा में बच्चों के द्वारा किया गया मॉक ड्रिल :-


दिनांक 14 मई, 2019 को पटना के बिहटा प्रखंड में Private Schools Association के 21 निजी विद्यालयों का संयुक्त मॉक ड्रिल अभ्यास किया गया | इस मॉक ड्रिल कार्यक्रम का सम्पूर्ण प्रशिक्षण एवं निर्देशन SDRF, बिहटा के द्वारा किया गया | इस मॉक ड्रिल कार्यक्रम में 21 विद्यालयों के लगभग 600 बच्चों ने भाग लिया | इस मॉक ड्रिल कार्यक्रम के लिए सरस्वती पब्लिक स्कूलए पड़री, बिहटा का चयन किया गया था | इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री व्यास जी ने किया | अन्य उपस्थित में प्राधिकरण के सदस्य श्री पी.एन.राय प्राधिकरण के वरीय सलाहकारए डॉ सतेन्द्र एवं परियोजना पदाधिकारीए डॉ पल्लव कुमार थे | SDRF के श्री के०के० झा, द्वितीय कमान अधिकारी के द्वारा इस कार्यक्रम का संचालन किया गया | Private Schools Association के अध्यक्ष श्री दिलीप कुमार के प्रयासों से सभी 21 विद्यालयों के बच्चे एक स्थान पर भूकंप से बचाव एवं फर्स्ट एड का अभ्यास कराया गया |

“मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम” (सुरक्षित शनिवार)


         बच्चों के समग्र विकास में शिक्षा एवं शिक्षा के सुरक्षित वातावरण की अहम भूमिका है। विभिन्न आपदा जनित घटनाओं का स्कूली बच्चों एवं उनके शिक्षण कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जैसे आपदा के कारण विद्यालयों का बंद हो जाना या विद्यालयों में राहत केंद्रों आदि का संचालित होना, विद्यालय जाने के रास्ते अवरुद्ध हो जाना, बच्चों का विद्यालय ना आना, बच्चों का जीवन/ स्वास्थ्य संकट में पड़ जाना आदि। बच्चों के लिए विद्यालय एक ऐसा स्थान है जहां वे सबसे ज्यादा समय व्यतीत करते हैं और शिक्षा ग्रहण करते हैं। बच्चे अपने घर से विद्यालय एवं विद्यालय से पुनः घर लौटने के क्रम में कई आपदाओं के जोखिमों का सामना भी करते हैं। आपदाओं के समय विद्यालय की अन्य गतिविधियां एवं शिक्षण कार्य अवरुद्ध होने के कारण बच्चों का वैयक्तिक, मानसिक, बौद्धिक एवं सामाजिक विकास बाधित हो जाता है। आपदाओं में बच्चों के घायल हो जाने एवं यहां तक की मृत्यु तक की स्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं। आपदाओं के कारण बच्चे कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित भी हो जाते हैं। इन स्थितियों में विद्यालय में बच्चों एवं शिक्षकों की उपस्थिति कम हो जाती है और धीरे-धीरे बच्चों के छीजन दर (ड्रॉपआउट) में वृद्धि होती जाती है। उपरोक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विद्यालयों को आपदा से सुरक्षित बनाने एवं बच्चों को सुरक्षित रखने की नितांत आवश्यकता है। इस परिप्रेक्ष्य में विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम अनिवार्य आवश्यकता हो गया है। इस संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सातवीं बैठक में विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम को पूरे राज्य में संचालित करने का निर्णय लिया गया जिसका नामकरण “मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम” के रूप में किया गया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है कि विद्यालयों को आपदाओं से सुरक्षित बनाया जाए एवं बच्चों को निरापद रखा जाए। प्रयास यह भी है कि विभिन्न आपदाओं कि रोकथाम एवं उनके कुप्रभावों को कम करने (Mitigation) के प्रति बच्चों, शिक्षकों और उनके माध्यम से समाज को जागरूक किया जाए ताकि अगली पीढ़ी आपदाओं को रोकने एवं उनसे निपटने में सक्षम हो सके। बिहार राज्य में सरकार द्वारा “आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोडमैप (वर्ष 2015-2030) स्वीकृत किया गया है, जिसमें विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम को प्रमुखता से समाहित किया गया है।

मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम की रूपरेखा –

कार्यक्रम के लक्ष्य एवं उद्देश्य - राज्य के सभी निजी एवं सरकारी विद्यालयों, राज्य सरकार के विभिन्न विभागों यथा समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, मदरसा शिक्षा बोर्ड एवं संस्कृत शिक्षा बोर्ड से संबंधित विद्यालयों में मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएगी। इस कार्यक्रम का लक्ष्य “घर से विद्यालय एवं विद्यालय से घर तक” विभिन्न आपदाओं का बच्चों के जीवन पर पड़ने वाले कुप्रभावों को कम करना एवं नियमित शिक्षण में आने वाली बाधाओं तथा इससे होने वाले नुकसान में काफी हद तक (Substantially) कमी लाना है।

उद्देश्य -
  • विद्यालय समुदाय (बच्चे, शिक्षक, अभिभावक) में आपदाओं के जोखिमों की पहचान एवं उनके कुप्रभावों को कम करने के उपायों की समझ एवं क्षमता विकसित करना।
  • विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम को नियमित शिक्षण प्रक्रिया में समाहित कर बच्चों में आपदा प्रबंधन की संस्कृति विकसित करना।
  • विद्यालय परिसर को आपदा जोखिमों (संरचनात्मक एवं गैर संरचनात्मक) से सुरक्षित रखना।
  • बच्चों के माध्यम से राज्य में आपदाओं से सुरक्षा (Resilience) की संस्कृति विकसित करना।
विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम मूलतः गतिविधि उन्मुख कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को ना केवल जोखिम न्यूनीकरण की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा बल्कि उन्हें जिम्मेवार नागरिक बनाने का प्रयास भी किया जाएगा। यह कार्यक्रम आपदाओं की रोकथाम विशेषकर आपदा पूर्व तैयारियों एवं आपदाओं के प्रभावों को कम करने पर केंद्रित रहेगा। कार्यक्रम के घटक - इस कार्यक्रम के तीन महत्वपूर्ण घटक होंगे •विद्यालयों का संरचनात्मक एवं गैर-संरचनात्मक सुदृढ़ीकरण •समावेशी आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं •“सुरक्षित शनिवार” के माध्यम से विद्यालय समुदाय का क्षमतावर्द्धन वर्ष 2018 से शिक्षा विभाग एवं बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से “सुरक्षित शनिवार” कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। सर्वप्रथम राज्य स्तर पर प्रत्येक जिले के मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। तत्पश्चात जिला स्तरीय शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों का उन्मुखीकरण राज्य स्तर पर किया गए। इसके पश्चात इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम वर्ष 2018, 2019, 2020 एवं 2021 में किए गए। इन सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सूची संलग्न है।

                     1st phase - 40 batch
                     2nd phase - 15 batch